सपनों का ढेर है प्यारे, बस नज़र का फेर है प्यारे| तू ही डर, तू ही हिम्मत, तू ही ताकत, गीदड़ में छुपा शेर है प्यारे| बस नज़र का फेर है प्यारे… तु ही मुसाफ़िर, तू ही कारवां, तू ही मंजिल, फिर किस बात की देर है प्यारे| बस नज़र का फेर है प्यारे… कौन अपना, कौन पराया, किसका तू, सब तेरे हैं कौन गैर है प्यारे| बस नज़र का फेर है प्यारे… तेरी हिम्मत से झुखेगा आसमा भी, बस थोड़ी देर सवेर है प्यारे| बस नज़र का फेर है प्यारे… जो करना है कर ले आज ही ‘अंकुर’, उम्र उडती हुई बटेर है प्यारे| बस नज़र का फेर है प्यारे… सपनों का ढेर है प्यारे, बस नज़र का फेर है प्यारे| तू ही डर, तू ही हिम्मत, तू ही ताकत, गीदड़ में छुपा शेर है प्यारे| बस नज़र का फेर है प्यारे… तु ही मुसाफ़िर, तू ही कारवां, तू ही मंजिल,