मैं तेरी रूह हूं _ राह हूं _ या तेरा साया हूं, मैं ख़ुद को मिटाकर _ तुझ तलक आया हूं। हुईं हैरत जमाने को _ मेरा हाल देख कर, हालात रोकते रहे _ मैं होकर बेहाल आया हूं। इस बार गुज़र गया _ तो गुज़र जाऊंगा। तोहफ़े में गुज़रा हुआ _ वहीं साल लाया हूं। मुलाक़ात की बात पर _ वो देता है कई कई जवाब, तेरी हर बात काटने को _ सौ सौ सवाल लाया हूं। ©Komal #withlovealways