न आवाज़ उठ रही कहीं न ही सहारा मिल रहा । फुटफाथ पर अक्सर बेसहारे बच्चों का मेला मिल रहा । हम लिख तो रहे मोहब्बत पर वो नफ़रतों में जल रहा । भूख मिटाने की कोशिश में हर जंग से वो लड़ रहा । पर आज हुआ नहीं कुछ जैसा था वो चाह रहा । भूख से बिलख कर उसमें कोई एक दम तोड़ चला । भीखारी था या था लावारिस पर वारिस वालों को ये चुभ गया । फेंको इसको हो देखते क्या और इन्सानियत भी इसमें कहीं मर गया । #NojotoQuote Life of the Children : Life on Foot Path #PoorChildren #Nojoto #NojotoHindi #Humanity