अभी कसर सीने के छलनी होने में नश्तर-ए-ज़ुबाँ-नज़र! अभी बाकी है सबा सीने में नमक तो है मीठे से इस पसीने में तल्ख़-ए-रज़ा मगर अब भी है मज़ा जीने में ये बातें जफ़ा-वफ़ा की गोया हमको समझ आती नहीं पर बात मकबूल है धड़कता है वही दिल सीने में दिन में तुम ही तुम सुरखुरु से रहते हो गुज़रती नहीं तुम्हें देखे बगैर शामे दिल में रात कुछ और भी कसकती है बेख़बर हो, मशसरूफ़ अपनी दुनियाँ में बेसबब! तुम्हें छोटी सी बात लगती है #toyou #somehowok #yqlife # yqlingerings #yqlove #yqperspectives #yqhelplessness