Nojoto: Largest Storytelling Platform

कहना तो बहुत कुछ चाहता हु तुझसे , मगर कह कहाँ पाता

कहना तो बहुत कुछ चाहता हु तुझसे ,
मगर कह कहाँ पाता हु
सच तो ये है की जीना है तेरे बैगर
पर एक पल भी कहाँ रह पाता हु।
कोशिस हर बार होती है तुझे भुलाने की
पर एक पल भी कहाँ भुला पाता हु।
देखना चाहता हु हर रात सपने
पर मैं खुद को सुला नहीं पाता हु।
तुम अगर देखती तो सब समझ जाती
इस बेवसी को कहां छुपा पाता हु।
छलक जाता है दर्द आँखों से कभी कभी
पर मैं खामोश भी कहाँ रह पाता हु।
लिए फिरता हु एक समंदर इन आँखों में
मगर रो लू जी भर के ऐसा भी कहाँ कर पाता हु।
मुमकिन नहीं था जीना तेरे बगैर
मगर मजबूर हु मर भी नहीं पाता हु।
कहना तो बहुत कुछ चाहता हु तुझसे ,
मगर कह कहाँ पाता हु ।
सच तो ये है की जीना है तेरे बैगर
पर एक पल भी कहाँ रह पाता हु।
💔💔💔💔💔

©Manpreet Gurjar
  #hartbroken