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चुभ रही है आज की शाम मेरी निगाहों को, ये शाम जल्दी

चुभ रही है आज की शाम मेरी निगाहों को,
ये शाम जल्दी से ढल क्यू नही जाती।
 ना तो अब मेरा है कोई, 
 और ना मैं किसी का रहा।
    अब और कितना देर लगेगा भैया,
       जिंदा लाश बन कर लेटा हूं कब से चिता पे,
     मेरी चिता अब जल क्यू नही जाती।
                                                   ~#Abhi...🤞



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©Abhimanyu Chauhan ~#Abhi...🤞
#hindinojotoshayari 

#lamppost
चुभ रही है आज की शाम मेरी निगाहों को,
ये शाम जल्दी से ढल क्यू नही जाती।
 ना तो अब मेरा है कोई, 
 और ना मैं किसी का रहा।
    अब और कितना देर लगेगा भैया,
       जिंदा लाश बन कर लेटा हूं कब से चिता पे,
     मेरी चिता अब जल क्यू नही जाती।
                                                   ~#Abhi...🤞



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©Abhimanyu Chauhan ~#Abhi...🤞
#hindinojotoshayari 

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