ये अदब भी क्या गज़ब की चीज है साहब, शिकवे खतम हो जाते हैं बस एक ही सलामी में। मुकर्रर हो कैद बेशक रब की पनाह में, मज़ा आता है जीने में खुदा की गुलामी में। ©राजेश कुमार #बिखरे मोती #एक अर्ज दिल से #शायरी #Friend