मैंने जाते-जाते समझा कौन अपना है कौन पराया नए पाने कि चाह में पुराने को मैंने क्यों गवाया। अकेलेपन को हासिल किया जायदा पाने की चाहत में जिंदगी में उलझन में सुलग कर रहे गई। निखरने की कोशिश में बिखर कर रह गई मेहनत का फल तो मिला नहीं पर जिंदगी से सबक ले गई। Psunder ps4svdas