आ मेरा हाल हकीकत मे दिखाने आजा आ,हवा बन के मुझे फिर,से,उड़ाने आजा रोज जलता सुलगता मेरा ठिकाना है सुखे पत्तो से उलझता मेरा ठिकाना है आना आ,मुझको, आँधियों से बचाने आजा आ हवा बनके ............।। सांस पायी है मैने बस तेरी हीं रहमत है मेरी पतवार तु है तु ही मेरी किस्मत है आ मेरी नाँव को मझधार से बचाने आ आ हवा बनके.......।। अजाब पाना है अज़ल तलक अदाओं मे नहीं बनना है मुजरिम तेरी निगाहों मे आ जरा मुझको अदालत से बचाने आजा आ हवा बनके.......।। तेरी रहमत की अमानत चाहूँ तेरी अश्फाक-ए-मुहब्बत के ठिकाने चाहूँ आ जरा नूरे जलवे को दिखाने आजा आ हवा बनके.........।। तेरे आगोश मे है अपनी अहजाने बफा आब-ए-चश्म मे डुबी है समन्दर की सदा आके दरिया को आब-ए-जमजमे बनाने आ आ हवा बनके.....। राजीव मिश्रा"समन्दर" #NojotoQuote नयनसी परमार Arika