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मंजिल मिल तो थी हमे जहां तुम हुआ करते थे। लेकिन अब

मंजिल मिल तो थी हमे
जहां तुम हुआ करते थे।
लेकिन अब ना तुम हो ना
मंजिल  का ठेहराव है,
बस अब जिंदगी कट रही है हमारी
सांसों को गिनते हुए।
ना चाहकर भी अकेले हुए हैं हम....
बस युही कटेगा अब 
जिंदगी गी का सफर ।
:-शिवी... # true poetic...
मंजिल मिल तो थी हमे
जहां तुम हुआ करते थे।
लेकिन अब ना तुम हो ना
मंजिल  का ठेहराव है,
बस अब जिंदगी कट रही है हमारी
सांसों को गिनते हुए।
ना चाहकर भी अकेले हुए हैं हम....
बस युही कटेगा अब 
जिंदगी गी का सफर ।
:-शिवी... # true poetic...