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ऑटोमैटिक सीढियां लोगों का हुजूम रफ्तार में भागती ज़

ऑटोमैटिक सीढियां लोगों का हुजूम
रफ्तार में भागती ज़िन्दगी
और ठहरा सा मैं..
इंतज़ार करता सिकंदर पुर से दिल्ली
जाने वाली मेट्रो का
और सोचता ज़िन्दगी भी खत्म
हो जाएगी इक दिन
मेट्रो कार्ड के पैसों की तरह
पार कर जाएगी ज़िन्दगी 
गहरी पीली रेखा और
करेगी मौत की सवारी!
हैलो ब्रो.. 
ट्रेन आ गयी कहाँ खोए हो
आवाज़ आयी और चढ़ गया मैं 
धक्का मुक्की से जूझकर डिब्बे पर
सीट मिली नहीं तो बैठ गया 
महिला आरक्षित जगह पर
ये सोचते हुए कि यार
राजीव चौक में भीड़ बढ़ा देगी
मेट्रो का वजन और देनी होगी ये सीट 
उसे जो हकदार है इसे पाने का 
ठीक वैसे ही जैसे खुदा देता है 
आरक्षित सीट का फायदा उसे ही
जो क्षमता रखते हैं 
अपना भाग्य स्वयं बदलने की..
©KaushalAlmora




 आगे की कहानी अगले हिस्से में
#मेट्रोकासफर
#delhidiaries
#life 
#ज़िन्दगी 
#yqbaba 
#yqdidi 
#shayari
ऑटोमैटिक सीढियां लोगों का हुजूम
रफ्तार में भागती ज़िन्दगी
और ठहरा सा मैं..
इंतज़ार करता सिकंदर पुर से दिल्ली
जाने वाली मेट्रो का
और सोचता ज़िन्दगी भी खत्म
हो जाएगी इक दिन
मेट्रो कार्ड के पैसों की तरह
पार कर जाएगी ज़िन्दगी 
गहरी पीली रेखा और
करेगी मौत की सवारी!
हैलो ब्रो.. 
ट्रेन आ गयी कहाँ खोए हो
आवाज़ आयी और चढ़ गया मैं 
धक्का मुक्की से जूझकर डिब्बे पर
सीट मिली नहीं तो बैठ गया 
महिला आरक्षित जगह पर
ये सोचते हुए कि यार
राजीव चौक में भीड़ बढ़ा देगी
मेट्रो का वजन और देनी होगी ये सीट 
उसे जो हकदार है इसे पाने का 
ठीक वैसे ही जैसे खुदा देता है 
आरक्षित सीट का फायदा उसे ही
जो क्षमता रखते हैं 
अपना भाग्य स्वयं बदलने की..
©KaushalAlmora




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kaushaljoshi2249

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