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ज़ख़्म कितने तिरी चाहत से मिले हैं मुझ को

ज़ख़्म  कितने  तिरी  चाहत  से  मिले  हैं  मुझ  को  , सोचता  हूँ  कि  कहूँ  तुझ  से  मगर  जाने  दे  ,
Ikku_Sid #Ikku_Sid #Work_At_Shayari_Writer_Poem_Writer
ज़ख़्म  कितने  तिरी  चाहत  से  मिले  हैं  मुझ  को  , सोचता  हूँ  कि  कहूँ  तुझ  से  मगर  जाने  दे  ,
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