रात के घने अंधेर में नींद का अब वो सुकून कहाँ निकल पड़ा हूँ जब से शहर की गलियों में कुछ अधूरे ख्वाब ले कर #रात #अंधेरा #नींद #सुकून #शहर #गालियां #ख्वाब #अधूरे