बात बराबरी की, बराबर अवसर की। योग्यता देखनी है तो अवसरों की समानता दे कर देखो। लेकिन तुमने तो अवसर दिए बिना ही समाज के आधे से ज्यादा हिस्से को बिना किसी टेस्ट बिना किसी परीक्षा के अयोग्य कहकर अवसरों से वंचित कर दिया तो उनमें योग्यता कहां से आएगी। लेकिन जैसे ही संविधान ने उनको बराबर के अवसर दिए हैं तो वहीं अयोग्य समझे जाने वाले तुम्हारी योग्यता को रौंदकर तुमसे ऊपर पहुंच रहे हैं और तुम्हारी योग्यता व सदियों का एकाधिकार निकम्मापन साबित हो रहा है। आज यूपीएससी की परीक्षा में वही नारी टॉप कर रही हैं जिसको कभी यह कह कर अधिकार वंचित किया गया था कि ढोल गवार शुद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी आज संविधान की वजह से वही नारी है तुम्हारी झूठी योग्यता पर पड़ रही भारी ©Vijay Vidrohi #IPSC_topper_IshitaKishor_ko very congratulations