अलहदा दिल की कहानी नहीं है आंख में मोती हैं मेरे पानी नहीं है बिन बोले समझ ले हाल-ए-दिल मोहब्बत मेरी इतनी सयानी नहीं है इश्क़ खिल उठा गुल-ए-मानिंद फिर क्यों चेहरे पर रवानी नहीं है तुम परेशान हो की वो बदल गया मुझसे पूछो की कोई हैरानी नहीं है जज़्बात जोड़ मुकम्मल हो जाएगी ज़िन्दगी लफ़्ज़ों की दीवानी नहीं है कुछ यूं भी किया है इश्क़ खुद से की यादें उसकी अब बेमानी नहीं है एक नज़्म इश्क़ के एक अलग रंग के नाम वाक़ई इश्क़ अतरंगी है और अंतरंगी हो जाये तो कहने ही क्या जो भाव जुड़े तो सूचित जरूर कीजियेगा💐 गुल-ए-मानिंद - गुलाब की तरह बेमानी - बेमतलब,बेवजह #yqbhaijan #yqdidi #nazm #sher #shayari #love