तुम पसंद आए..इन नज़रों का कसूर था, हम नासमझ रहे..दोष हमारा भी ज़रूर था, रोक लेते हम शायद अपने कदमों को.. पर, क़िस्मत को मेरी बरबाद होना ही मंज़ूर था.... ©Shreyasi #raindrops