फासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था , सामने बैठा था वो मेरे , पर वो मेरा न था ... । "ठंडी हवाए क्या चली मेरे शहर में. . "हर तरफ यादों का दिसंबर बिखर गया..💕"*Create by Adamant adamant story