कैसा होता है वो मनुष्य, जो कुछ ठान कर गम्भीर हो जाता है निश्चय के प्राण को अपने मृत्यु तक बढ़ाता है किस दर्द से उसका संकल्प,स्वभाव बन जाता है भावना और विचार का संतुलन,कैसे चोट से आता है किस वस्तु की चाह उसे वर्तमान में रखती है कैसा कर्तव्य बोध है, जिसकी उत्तेजना उत्पन्न होती रहती है उसकी उत्तेजना किस चीज में दबी या छुपी रहती है सामर्थ्य का अर्थ वह कहाँ खोजता है किस अदृश्य प्रेरणा से वो प्रेरित होता रहता है कैसे वो सुख,दुःख के बीच रहकर भी अछूता रहता है लक्ष्य के लिये, उसका समर्पण का दम्भ कैसे मुस्कुराता है दृढ़ता को कैसे सम्मोहित किया जाता है? रमेश सर आपके लिए🙏 स्याही का घटना,बढ़ना! #विप्रणु #kumarrameshrahi #yqdidi #yqbaba #life #poetry #dearyoungwriter