भूमंडलीय तापन संघर्ष आज भी है कल भी था, तब अक्ल कम और उम्मीदों का रेल था, सुबह की तेज़ धूप पर कोहरे का असर था, अब तसल्ली है, राहत भी यारों, बस धरा पर हवा का रुख बदला सा है, कहीं बर्फ पिघल बाढ़ ला रही, कहीं अकाल सा है।। #restzone #rzलेखकसमूह #rztask356 #globalwarming