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बहती हवा (ग़ज़ल) मैं ठहरा ठहरा सा बादल तू चंचल बहती

बहती हवा (ग़ज़ल)

मैं ठहरा ठहरा सा बादल तू चंचल बहती हवा सी,
मैं धरती और तू आसमान का चमकता तारा सी।

मुझे अपने दिल में बसाके अपना जीवन बना ले,
खोकर मेरे ही सपनों में अपना जीवन सजा ले।

मैं दाग हूँ, तू चाँद है, मैं धुन हूँ और तू मेरा राग है,
जिसे मैं जीवन भर गुनगुनाना चाहूँ तू वो साज है।

तू मेरी रग रग में समाया है मुझे साँसों में बसा ले,
दिल से मेरा हो जा मुझे अपनी रूह में समा ले।

ताउम्र तेरी ही चाहत बनकर रहने की ख्वाहिश है,
खुद़ा कुबूल कर ले दुआ"एक सोच"की फरमाइश है। #बहतीहवा(गजल)
#कोराकाग़ज़
#collabwithकोराकाग़ज़
#KKPC21
#विशेषप्रतियोगिता
बहती हवा (ग़ज़ल)

मैं ठहरा ठहरा सा बादल तू चंचल बहती हवा सी,
मैं धरती और तू आसमान का चमकता तारा सी।

मुझे अपने दिल में बसाके अपना जीवन बना ले,
खोकर मेरे ही सपनों में अपना जीवन सजा ले।

मैं दाग हूँ, तू चाँद है, मैं धुन हूँ और तू मेरा राग है,
जिसे मैं जीवन भर गुनगुनाना चाहूँ तू वो साज है।

तू मेरी रग रग में समाया है मुझे साँसों में बसा ले,
दिल से मेरा हो जा मुझे अपनी रूह में समा ले।

ताउम्र तेरी ही चाहत बनकर रहने की ख्वाहिश है,
खुद़ा कुबूल कर ले दुआ"एक सोच"की फरमाइश है। #बहतीहवा(गजल)
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