आप कण-कण में हैं बसते, विष को भी कंठ में हैं रखते। आप ही निरंकारी परमात्मा, और हर जीवों में बसती आपकी आत्मा। धर्मी सज्जनों के भोले बाबा हो आप, और दुर्जनों के बन जाते हो काल आप। आप ही रचयिता और पालनहार भी, और कालचक्र पर करते हैं संघहार भी। महाशिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं। ✍️मेरे विचार... महाशिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं।