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शुकुन में है जिन्दंगी कहना पङता है।

शुकुन में है जिन्दंगी कहना पङता है।                               साहब!! कहाँ काँपी ,कहाँ बैग(बस्ता) और पेंसिल।                 पिता के सायें मे, रहना किसे अच्छा नहीं लगता।।                शौक और अमन लिखना है।।                                            ऐसे ख्वाब कहाँ।।                                                           जहाँ - जहाँ मैं छोटी सी जिन्दंगी में चलता गया।               पलटकर देखा नहीं वहाँ।                                                    हाँ बेबसी है। हाँ मजबूरीयाँ है।।                                       अपना और अपनेंपन का सलिका भूल गया यें बच्चपन।.    neetu शharmA✍ #Wod #छोटू।#nojotolove#nojotoqutoes#nojotohindi#nojotoofficial#nojotolike#amarujala.com#shabdanchal#patrika.com#danikbhaskar.com#mirakee#nojotoinsta#nojotopoetry
शुकुन में है जिन्दंगी कहना पङता है।                               साहब!! कहाँ काँपी ,कहाँ बैग(बस्ता) और पेंसिल।                 पिता के सायें मे, रहना किसे अच्छा नहीं लगता।।                शौक और अमन लिखना है।।                                            ऐसे ख्वाब कहाँ।।                                                           जहाँ - जहाँ मैं छोटी सी जिन्दंगी में चलता गया।               पलटकर देखा नहीं वहाँ।                                                    हाँ बेबसी है। हाँ मजबूरीयाँ है।।                                       अपना और अपनेंपन का सलिका भूल गया यें बच्चपन।.    neetu शharmA✍ #Wod #छोटू।#nojotolove#nojotoqutoes#nojotohindi#nojotoofficial#nojotolike#amarujala.com#shabdanchal#patrika.com#danikbhaskar.com#mirakee#nojotoinsta#nojotopoetry