| इरादों में जिनके जान नहीं | °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° एक दिन सोच में बैठा था, आत्मा ने मुझे एक संदेश दिया, दुनिया के उलझनों में रहकर , मनोज ! तूने अपने जीवन में अभी तक क्या किया ? ऐसा कोई भी लक्ष्य नहीं है, जो इंसान से हो दूर कहीं , अपने लक्ष्य से दूर क्यों रहते हो, तुछ अपने को क्यों कहते हो, तेरा रास्ता साफ हैअगर , इरादा तेरा पाक अगर, उलझन की बेड़ियों को तोड़ , बुरी संगत से साथ छोड़। क्योंकि मनोज अरमान उनके बिखर जाते हैं, इरादों में जिनके जान नहीं, हार कर जो टूट जाते हैं, का बिल वह इंसान नहीं खुद ब खुद मिल जाएगी फतेह तुझको, हारने का कोई इंतजाम नहीं, अरमान उनके बिखर जाते हैं, इरादों में जिनकी जान नहीं। ©KANYAL #Motivation_shayari #Poetry #KANYAL