हालातों से गिले शिकवे कैसे जब होंठों से रूठ गई हर बात, दिलबर तेरी बेरुखियों से मानो तो रही हमारे संग कायनात, जाने कौन देश तुम जा बसे हर कोशिश कर हारी इलाहीरात, मेरे डर को आ के मिटा दो रुठी हर रात को बना दो अम्रात। #रातकाअफ़साना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #रोज़ी_संबरीया