पीछे वालों की भी सुध लो साधन के होड़ में दीन बना संसाधन विकास के आग में संगीन बना संगठन भविष्य के सोच में दूरबीन बना प्रयोजन प्रकृति की ओज में प्रवीण हुआ वियोजन संस्कृति की भोज में नवीन हुआ संयोजन मानवता की लोच में बेहतरीन हुआ प्रलोभन मुख्यधारा की विचार में सघन हुआ निवेदन कितने सर पर पांव रखोगे सर होने भी तो चाहिए! पीढ़ी दर पीढ़ी से अगली पीढ़ी नदारत है! सुप्रभात। हर एक व्यक्ति की अपनी गति है। यदि हम तेज़ चलने वालों में से हैं तो इसका अर्थ यह नहीं कि धीरे चलने वाले अपने साथियों की ख़ैर-ख़बर तक न लें। #उनकीसुधलो #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #life #poetry