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ख्वाबों को टूटते देखा है मेने, रंग भरने से पहले, ख

ख्वाबों को टूटते देखा है मेने,
रंग भरने से पहले,
ख्वाबों को बिखरते देखा है मेने,
पूरा होने से पहले
मेरी किस्मत लिखी है जैसे पानी पर,
टूटते देखा है ख्वाबों को पूरा होने से पहले,
दो कदम मंजिल की ओर चलू न चलू,
पर पैरों को फिसलते देखा है मेने मंजिल पर पहुचने से पहले,
लगता था बस मंजिल मिलने ही वाली है,
पर मंजिल को दूर जाते देखा है हासिल करने से पहले..
ख्वाबों को टूटते देखा है मेने...

©शैलेन्द्र यादव
  मेरी धर्मपत्नि जो अब इस दुनिया मे नही रही
मेरी मंजिल थी वो पर बहुत दूर चले गए उसे हासिल करना अब मुश्किल है,
मौत में बाद ही हासिल हो पाएगी..
#‍पत्नी

मेरी धर्मपत्नि जो अब इस दुनिया मे नही रही मेरी मंजिल थी वो पर बहुत दूर चले गए उसे हासिल करना अब मुश्किल है, मौत में बाद ही हासिल हो पाएगी.. #‍पत्नी #ज़िन्दगी

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