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दर्द को दवा लिखता हुं गम को पनाह लिखता हुं ,अशयाने

दर्द को दवा लिखता हुं गम को पनाह लिखता हुं ,अशयानें है बहुत  हमारे अशयानें के पास ,लेकिन तेरी कमी को एक सजा लिखता हुं ,K.K.S

©Kapil Singh
  #किसमत की लकीरें

#किसमत की लकीरें #ज़िन्दगी

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