वो बेख़बर है मुझसे जो मेरी नज़र में है। और ख़्वाब बनके वो ही मिरे चश्मे-तर में है।। अब हाल-ए-दिल भी पूछने आता नहीं कभी। उसका शुमार अब भी मेरे चारागर में है।। वो तो ठहर गया है किसी मोड़ पे जाकर। इक शख़्स उसी राह पर अब भी सफ़र में है। इतने बड़े जहां में इसे कोई न मिला! ये दिल अभी भी शायद उसी के सेहर में है।। करने लगा है अब वो तग़ाफ़ुल में हदें पार। न जाने किसका हाथ है, किसके असर में है। #aliem #yqbhaijan #bekhabar #tagaful #safar चश्मे-तर - wet eyes तग़ाफ़ुल - Neglect, ignore सेहर - magic