Red sands and spectacular sandstone rock formations क्रूर कालचक्र के उस भयावह दृश्य को कैसे भुल जाएं हम न जानें कितने घरों की रौशनी चली गई, कितनों के जीवन में फिर से सूर्योदय हुआ हीं नहीं उस अथाह अंधियारे में कैसे लौ जलाएं हम। कितनी मांग सुनी हुई थी, कितने कोख उजाड़े थे कितने बच्चे अनाथ किए दुष्टों के उस दुस्साहः स को कैसे दया दिखाएं हम। मां भारती के गौरव को किसी ने रौंदा था कुचला था हमारी मान मर्यादा को, हमारी आन को भी आंख दिखाया था। काले मनसूबे के उस घृणित क्षण को कैसे क्षमा कर पाए हम हमारे आत्मसम्मान पे वज्र प्रहार को इतनी आसानी से कैसे भूल जाएं हम। ब्लैक डे ©Pinki Singh #ब्लैकडे #पुलवामा_अटैक #14feb #भारत_माता_की_जय #Nojoto #poem #शायरी