लम्हें धड़कने खाली खाली चुपके से कहती हैं क्या उलझे हैं ये मन ऐसे इक पल में हाँ खामखा, लम्हा ये कैसा आया, घुल सा गया तुझमें सारा तू कहे तो इस पल में जी लें जीभर के, मन कह रहा थम जा ज़रा दिल ये कहीं जा उड़ जा, कुछ दूर अब यूँ ही सही चलते हैं हम आओ ना कहीं #लम्हे #खामखा