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।। ॐ ।। यु॒ञ्जन्ति॑ ब्र॒ध्नम॑रु॒षं चर॑न्तं॒ परि॑ त

।। ॐ ।।
यु॒ञ्जन्ति॑ ब्र॒ध्नम॑रु॒षं चर॑न्तं॒ परि॑ त॒स्थुषः॑। रोच॑न्ते रोच॒ना दि॒वि ॥५ ॥

पद पाठ

यु॒ञ्जन्ति॑। ब्र॒ध्नम्। अ॒रु॒षम्। चर॑न्तरम्। परि॑। त॒स्थुषः॑। रोच॑न्ते। रो॒च॒नाः। दि॒वि ॥५ ॥

हे मनुष्यो ! जैसे प्रत्येक ब्रह्माण्ड में सूर्य प्रकाशमान है, वैसे सर्व जगत् में परमात्मा प्रकाशमान है। जो योगाभ्यास से उस अन्तर्यामी परमेश्वर को अपने आत्मा से युक्त करते हैं, वे सब ओर से प्रकाश को प्राप्त होते हैं ॥

Hey human ! Just as the sun is illuminated in every universe, the divine is bright in all the universe.  Those who practice that inner God with their souls through yoga practice, they receive light from all sides.

यजुर्वेद २३.५ #यजुर्वेद #वेद #योग #yoga #brahmyog
।। ॐ ।।
यु॒ञ्जन्ति॑ ब्र॒ध्नम॑रु॒षं चर॑न्तं॒ परि॑ त॒स्थुषः॑। रोच॑न्ते रोच॒ना दि॒वि ॥५ ॥

पद पाठ

यु॒ञ्जन्ति॑। ब्र॒ध्नम्। अ॒रु॒षम्। चर॑न्तरम्। परि॑। त॒स्थुषः॑। रोच॑न्ते। रो॒च॒नाः। दि॒वि ॥५ ॥

हे मनुष्यो ! जैसे प्रत्येक ब्रह्माण्ड में सूर्य प्रकाशमान है, वैसे सर्व जगत् में परमात्मा प्रकाशमान है। जो योगाभ्यास से उस अन्तर्यामी परमेश्वर को अपने आत्मा से युक्त करते हैं, वे सब ओर से प्रकाश को प्राप्त होते हैं ॥

Hey human ! Just as the sun is illuminated in every universe, the divine is bright in all the universe.  Those who practice that inner God with their souls through yoga practice, they receive light from all sides.

यजुर्वेद २३.५ #यजुर्वेद #वेद #योग #yoga #brahmyog