एक किस्सा सुना देते है तख्लुफ उनकी मिटा देते है जब से दिदार उनका हुआ खुद को भुला बैठे उनको तो मालूम ही नही फिर दोस्त हमारे उनको बेबफा मान बैठे शायर है महफिले रोज जमती है फरमाएशे बेफाई की हर दिल से उठती है हम उनको बेबफा कैसे कह दे जो इस दिल की रानी है दिल तोड़े भी कैसे अभी हमारा इजहार और उनका इंकार बाकि है पर खफा हम महफिल में बैठे यारो को कैसे कर दे उनसे भी तो हमारी यारी है इसलिए किस्सा प्यार का पढना चाहते है आओ तुम जिंदा कर दो इस महफिल को आज हम भी महफिल में बैठ कुछ सुनना चाहते है प्यार पर लिखा बहुत है लेकिन आज महसूस करना चाहते है #NojotoQuote