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कर्क जिसकी रीढ़ बनी । नर्मदा जीवन-रेखा । शिप्रा की

कर्क जिसकी रीढ़ बनी ।
नर्मदा जीवन-रेखा ।
शिप्रा की पावनता जंहा।
ऐसी सुंदरता और कंहा ?

है कालिदास महान यंहा ।
कवि प्रदीप की कल्पना जंहा ।
लता के सुर घुल रहे ।
व्याकुल ताल से मिल रहे ।
ऐसी महानता और कंहा ?

संगमरमर की छाती चिरकर 
बह रही रेवा कल-कल
गा रही प्यारी बुलबुल 
ऐसी मधुरता और  कंहा ?

वन्दन करते है । इस धरा को
ह्रदयप्रदेश है ,जंहा ।
मध्यप्रदेश है , जंहा । 

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस मध्यप्रदेश
कर्क जिसकी रीढ़ बनी ।
नर्मदा जीवन-रेखा ।
शिप्रा की पावनता जंहा।
ऐसी सुंदरता और कंहा ?

है कालिदास महान यंहा ।
कवि प्रदीप की कल्पना जंहा ।
लता के सुर घुल रहे ।
व्याकुल ताल से मिल रहे ।
ऐसी महानता और कंहा ?

संगमरमर की छाती चिरकर 
बह रही रेवा कल-कल
गा रही प्यारी बुलबुल 
ऐसी मधुरता और  कंहा ?

वन्दन करते है । इस धरा को
ह्रदयप्रदेश है ,जंहा ।
मध्यप्रदेश है , जंहा । 

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस मध्यप्रदेश