भिगाने को बरसात कम पड़ गई थी, जो तूने आशुओं से भीगा दिया। कहने को क्या लफ्ज़ कम पड़ गई थी, जो तूने बेवफाई दिखा दिया। यूं तो हम भी रह सकते हैं तेरे बिना... पर,तेरी माशुमियत ने हमें बंजारा बना दिया। ©Aparna Nayak #Mashoomiyat #hindi_shayari #thoughts #opensky_poet_quotes #opensky_poet