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भिगाने को बरसात कम पड़ गई थी, जो तूने आशुओं से भीग

भिगाने को बरसात कम पड़ गई थी,
जो तूने आशुओं से भीगा दिया।
कहने को क्या लफ्ज़ कम पड़ गई थी,
जो तूने बेवफाई दिखा दिया।

यूं तो हम भी रह सकते हैं तेरे बिना...
पर,तेरी माशुमियत ने हमें बंजारा बना दिया।

©Aparna Nayak #Mashoomiyat #hindi_shayari #thoughts #opensky_poet_quotes 
#opensky_poet
भिगाने को बरसात कम पड़ गई थी,
जो तूने आशुओं से भीगा दिया।
कहने को क्या लफ्ज़ कम पड़ गई थी,
जो तूने बेवफाई दिखा दिया।

यूं तो हम भी रह सकते हैं तेरे बिना...
पर,तेरी माशुमियत ने हमें बंजारा बना दिया।

©Aparna Nayak #Mashoomiyat #hindi_shayari #thoughts #opensky_poet_quotes 
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aparnanayak5970

Aparna Nayak

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