.... ये भूल मत कि बर्फ कितना भी सख्त हो, पिघल ही जाता है सूरज की उष्मा से। मीलों और सालों की दूरियाँ... हमारा उनसे राबता ना कम कर सकती, ना मिटा सकती। .... ये भूल मत कि बर्फ कितना भी सख्त हो, पिघल ही जाता है सूरज की उष्मा से। मीलों और सालों की दूरियाँ... हमारा उनसे राबता ना कम कर सकती, ना मिटा सकती। :) #yolewrimo में आज का पत्र #यादकेनाम #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #thirdquote