प्यार में हम दोनों ऐसे टूट गए नजाने कब अच्छे वक़्त छूट गये खोयी हूँ तुम में मैं पनाह लेकर रास्ते हमारे नजाने कब उलझ गए एक पल था ऐसा के तुम्हारे बगैर जी ना सकूँ अब लगता है अधूरा तुम बिन कैसे यह कह सकूँ उदासी की चादर लपेटे हुए इश्क़ की गर्मी ढूंढ़ती हूँ कहना चाहूँ बहुत् कुछ लफ्ज़ सुनाने से डरती हूँ ज़िन्दगी की यह कश्मकश में से साथी थे तुम मेरे नजाने क्यों हो गयी जुदाई सोचती हूँ सांझ सवेरे आँखें सीझ् गए आंसूं से नींदें पूरी न होते सपने जो सजाये बैठी थी देखो रह गए टूटी #ल्फजों #प्यार् #yourquotedidi #सपने #कविता