माँ कोटी कोटी नमन तुझको ,कैसे करूँ धन्यवाद तूने अपना अंश देकर मुझको किया आबाद क्या मांगा तूने माँ मुझसे ,मैं क्या दे पाया तुझको तूने ही माँ सींच सींच कर मुझको खड़ा किया है मैं कृत्घन मूढ़ बाल तेरा तुझको न दे पाया आराम जब बेसहारा हुआ अब लेता हूँ अब तेरा नाम प्रकृति मां मुझ भटके हुए पथिक का तुझको प्रणाम प्रकृति मेरी माँ