Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरी नफ़रत भी है शे'रों में ___मिरे प्यार के साथ

मेरी नफ़रत भी है शे'रों में ___मिरे प्यार के साथ 
मैं ने लिक्खी है ग़ज़ल जुरअत-ए-इज़हार के साथ 

शहर में जहल की अर्ज़ानी है लेकिन अब तक 
मैं ही समझौता नहीं करता हूँ मेआ'र के साथ 

इक़्तिदार एक तरफ़ ____एक तरफ़ दरवेशी 
दोनों चीज़ें नहीं रह सकती हैं फ़नकार के साथ 

इक ख़ला दिल में बहुत दिन से मकीं है अब तो 
याद गुज़रा हुआ मौसम भी नहीं यार के साथ 

बादबानों से उलझती है____ हवा रोज़ मगर 
कश्तियाँ सोई हैं किस शान से पतवार के साथ 

मेरे अशआ'र हैं नाक़िद के लिए कुछ भी नहीं 
दर्द को मैं नहीं लिखता कभी दुश्वार के साथ ##अस'अद बदायूनी 

#MomentOfTime
मेरी नफ़रत भी है शे'रों में ___मिरे प्यार के साथ 
मैं ने लिक्खी है ग़ज़ल जुरअत-ए-इज़हार के साथ 

शहर में जहल की अर्ज़ानी है लेकिन अब तक 
मैं ही समझौता नहीं करता हूँ मेआ'र के साथ 

इक़्तिदार एक तरफ़ ____एक तरफ़ दरवेशी 
दोनों चीज़ें नहीं रह सकती हैं फ़नकार के साथ 

इक ख़ला दिल में बहुत दिन से मकीं है अब तो 
याद गुज़रा हुआ मौसम भी नहीं यार के साथ 

बादबानों से उलझती है____ हवा रोज़ मगर 
कश्तियाँ सोई हैं किस शान से पतवार के साथ 

मेरे अशआ'र हैं नाक़िद के लिए कुछ भी नहीं 
दर्द को मैं नहीं लिखता कभी दुश्वार के साथ ##अस'अद बदायूनी 

#MomentOfTime
dkbhati8216

Dk bhati

New Creator