हवाओं ने खिड़कियों पे दी है दस्तक दोबारा, पर्दे अकड़ के बोले 'दास' तेरा महबूब आया है। - ओमकार भास्कर 'दास' हवाओं ने खिड़कियों पे दी है दस्तक दोबारा, पर्दे अकड़ के बोले 'दास' तेरा महबूब आया है। - ओमकार भास्कर 'दास' काफ़िर_कातिब