बसन्त आया बहार आयी तेरी यादों की फ़ुहार आयी मैं चुप सा बैठा सोच रहा था जाने कब कलियों पर भौरों की गुँजार आयी वो सरसों के पुष्प मेरे प्यार की इजहार कर रही थी मैं बसन्त मेरे आने की इंतजार कर रही थी बसन्त आया