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न ख़ामोशियाॅं टूटती है, न इंतज़ार ख़त्म होता है औ

न ख़ामोशियाॅं टूटती है, न इंतज़ार ख़त्म होता है 
और अब तो दिल भी नहीं लगता जहाॅं,
वहाॅं रुक कर भी अब क्या करूॅंगी मैं ??

बस समेट रही हूॅं सारे एहसासात और जज़्बात अपने,
मना रही हूॅं दिल को अपने,जिस दिन दिल कहेगा,
फ़िर वो शहर,वो गली,वो अपना घर छोड़ दूॅंगी मैं।

उलझनों के साथ जीने की आदत नहीं मुझे,
फ़िर भी बस मोहब्बत की ख़ातिर 
एक तवील अर्सा गुज़ारा है मैंने बेचैनियों में,
लेकिन उन्हीं उलझनों और सवालों के साथ 
अब ज़्यादा देर तक उस घर में नहीं रह पाऊॅंगी मैं ।

हाॅं छूट जाऍंगे कुछ दोस्त नए-पुराने,
दूर हो जाऊॅंगी उस से भी, जिसे ख़ालिस दिल से चाहा है मैंने,
इन सब से शायद फ़िर कभी नहीं मिल पाऊॅंगी मैं ।

उस से दूर हो कर दिल को भी कहाॅं चैन आएगा ??
लेकिन दिल को इस बात का इत्मीनान तो रहेगा कि,
कम से कम इसके बाद फ़िर कभी उसकी ख़ामोशी और 
उसकी तकलीफ़ की वजह नहीं बनूॅंगी मैं ।

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi 
#Khayaal 
#nojotohindi 
#Quotes 
#19Dec
न ख़ामोशियाॅं टूटती है, न इंतज़ार ख़त्म होता है 
और अब तो दिल भी नहीं लगता जहाॅं,
वहाॅं रुक कर भी अब क्या करूॅंगी मैं ??

बस समेट रही हूॅं सारे एहसासात और जज़्बात अपने,
मना रही हूॅं दिल को अपने,जिस दिन दिल कहेगा,
फ़िर वो शहर,वो गली,वो अपना घर छोड़ दूॅंगी मैं।

उलझनों के साथ जीने की आदत नहीं मुझे,
फ़िर भी बस मोहब्बत की ख़ातिर 
एक तवील अर्सा गुज़ारा है मैंने बेचैनियों में,
लेकिन उन्हीं उलझनों और सवालों के साथ 
अब ज़्यादा देर तक उस घर में नहीं रह पाऊॅंगी मैं ।

हाॅं छूट जाऍंगे कुछ दोस्त नए-पुराने,
दूर हो जाऊॅंगी उस से भी, जिसे ख़ालिस दिल से चाहा है मैंने,
इन सब से शायद फ़िर कभी नहीं मिल पाऊॅंगी मैं ।

उस से दूर हो कर दिल को भी कहाॅं चैन आएगा ??
लेकिन दिल को इस बात का इत्मीनान तो रहेगा कि,
कम से कम इसके बाद फ़िर कभी उसकी ख़ामोशी और 
उसकी तकलीफ़ की वजह नहीं बनूॅंगी मैं ।

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi 
#Khayaal 
#nojotohindi 
#Quotes 
#19Dec