Nojoto: Largest Storytelling Platform

बदलता परिवेष ************** सुनिये जरा इस वक्त की

बदलता परिवेष
**************

सुनिये जरा इस वक्त की ये हमसे कुछ फरमा रहा...
हठ इसका देखिए जरा हमको बदलना चाह रहा...

हम जिद्दी है परले सिरे के हम न सुधरेंगे कभी...
मनमानियां हमने ही की मैं इसे समझा रहा...

नये तौर बदलते नियमो से लगाओ न पाबंदियां...
हमको बदलना ही पड़ेगा ये हमें समझा रहा...

पीढी़ दर पीढी़ चली आई प्रथा क्यों भूले हम...
ये अपने नये कानून से बदलाव लाना चाह रहा...

हम जो बदले लुप्त सी हो जाएगी सब दासतां....
कुछ उसूल-पुरखो के जिन पर कि मै चलता रहा...

हाँ हित तो छिपा है इसमें हम में से कुछ एक का...
यही है कारण धीरे-धीरे लाइन पर मैं आ रहा...

सुधा भारद्वाज"निराकृति
विकासनगर उत्तराखण्ड
(सर्वाधिकार सरक्षित)

©सुधा भारद्वाज"निराकृति"
  #बदलता_परिवेष