फिर आया एक दिन ऐसा कि दिल हाथों से रेत सा फिसल गया दिल लगाया था कभी मैने उससे पर उसने दिल से दिमाग़ लगा दिया जिंदगी ! दर्द की किताब भी .... खुशीयों का उजाला भी .... राह-ए-जिंदगी का सबक भी .... दर्द का मरहम भी .... चूनौतीयों की मंजिल भी ..... रिश्तों का साहील भी .... अश्कों की सौगात भी ....