सुनकर नवजात शिशु के करूण रूदन की प्रिय वाणी, हर्षित-पुलकित होकर दौड़ी आई दासियाँ व रानियाँ सारी, राजा दशरथ प्रिय पुत्र को पाकर ब्रह्मानंद में समा ग्ए, पुलकित होकर तन-मन से आंनद में भी इतने अधीर हुए, जिसके नाम से सर्व कल्याण हो, वो प्रभु दशरथ के घर आए, परम आनंद में डूबकर बाजेवालों ने झूम इतने बाजे बजाए, गुरू वशिष्ठ के पास गया बुलावा, द्विजन संग वो नृपद्वार आए, देखकर अनुपम बालक के गुणों को गुरू वशिष्ठ भी धन्य हुए, ध्वज,पताका और तोरणों से पूरी अवधपुरी दुल्हन बन सज ग्ई, सर्वजन ब्रह्मानंद में मग्न हुए और आकाश में फूलों की वर्षा हुई, सब नारियाँ सज स्वर्ण कलश ले हाथ,मंगल गीत गाते नृपद्वार आई, श्री राम के चरणों को छू,रघुकुल स्वामी के पावन गुणों को दी बधाई। -Vimla Choudhary 10/10/2021 ©vks Siyag #NojotoRamleela #ramlala #shreeram #Ramyan #Nojotoimageprompt #hindi_poetry #jai_shree_ram #Nojotonews