ज़िन्दगी को जिंदगी से मिलने दो यारो रहा मायूश जिंदगीभर,अब मुस्कुराकर मरनेदो यारो जीते जी उसकी चाहत पा ना सके मरके मुझको आबाद होने दो यारो उसकी दुनिया मे सिर्फ मै ही मै हु अब ये ख्वाब ,ख्वाब ही रहने दो यारो जो दरमियाँ रंजिशें थी,उन्हें रहने दो गले मिलकर अब शर्मिन्दा ना करो यारो उसकी इबादत में शामिल हूंगा मै एक दिन मेरी आँखों मे इंतज़ार रहने दो यारो...विश्वदीप. "रहने दो यारो"