बचपन और शैतानी कोई मेरा बचपन लौटा दे, वो आगन की ख़ुशीयाँ, वो माँ के माथे की बिदियां, वो खेतो की सैतानी, पापा से मनमानी,, सबसे करना नादानी,, सबको होती हमसे परेसानी,, वो खुशीयाँ आगन की दिला दे,, कोई मेरा बचपन लौटा दे,, #जब छोटे थे तब बड़ा होने का आस था #हम उन खुशीयों को देख ही ना पाए जो हमारे पास था #nojoto #qutoes #sad sayari