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 वक़्त मैं ठहरूँ या चलूँ?  ये वक़्त नही पूछता किस


 वक़्त

मैं ठहरूँ या चलूँ?

 ये वक़्त नही पूछता किसी से,

 अगर तुम रोकना भी चाहोगे वक़्त को,

 फिर भी नही रुकेगा किसी के रोकने से।

 बांधना चाहोगे तुम एक पल मुठ्ठी मे,

 पर वो फिर भी फिसल जायेगा रेत की मिटटी जैसे।
 खुश होकर जिया करो हर लम्हा,

 क्योंकि बीते हुए लम्हे वापस नही आते 
फिर से।

©Mahesh Mohit 
  वक
वक़्त
maheshmohit2744

Mahesh Mohit

New Creator

वक वक़्त #कविता

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