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हम नाराज नहीं होते किसी से, बस नजर में लाना छोड़ द

हम नाराज नहीं होते किसी से,
बस नजर में लाना छोड़ देते हैं
परवाह तो बहुत होती हैं दिल में
उसकी फिर भी
पर उसको बताना छोड़ देते हैं
माफी तो बिन मांगे ही दे देते हैं
उसे पर अपना मानना
ही छोड़ देते हैं
वो परेशान होती हैं मेरी खामोशी से
क्योंकि आवाज़ लगाना छोड़ देते हैं
शक की कसौटी में रखते हैं उसे सदा
हक अपना दिखाना और
ज़ताना ही छोड़ देते है..
शब्दभेदी किशोर

©शब्दवेडा किशोर #माझी_लेखणी
हम नाराज नहीं होते किसी से,
बस नजर में लाना छोड़ देते हैं
परवाह तो बहुत होती हैं दिल में
उसकी फिर भी
पर उसको बताना छोड़ देते हैं
माफी तो बिन मांगे ही दे देते हैं
उसे पर अपना मानना
ही छोड़ देते हैं
वो परेशान होती हैं मेरी खामोशी से
क्योंकि आवाज़ लगाना छोड़ देते हैं
शक की कसौटी में रखते हैं उसे सदा
हक अपना दिखाना और
ज़ताना ही छोड़ देते है..
शब्दभेदी किशोर

©शब्दवेडा किशोर #माझी_लेखणी