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जिधर वो हैं उधर दुनिया मुझे जाने नहीं देती तबियत

जिधर वो हैं उधर दुनिया मुझे  जाने नहीं  देती
तबियत को ज़रा  आराम  भी  पाने नहीं   देती

मैं उनपे जान भी वारूँ मगर फुर्सत से ये मुझको
मोहब्बत बन  के  उनके शहर  में छाने नहीं देती

सितम ये देख उल्फत में ज़हर खाने की ठानी तो
वो आके ख़्वाब में  बोली  जहर  खाने नहीं  देती 

जुदा करके मुझे बिमार उससे कर दिया  लेकिन 
उसी का  बन  के  साया  साथ मडराने नहीं देती

न जाने ग़म कहाँ  से लाके  मुझपे थोप जाती है 
खुशी जो आने  वाली   है कमाल आने नहीं देती #yqdidi #bhaijaan#yourquotediary
जिधर वो हैं उधर दुनिया मुझे  जाने नहीं  देती
तबियत को ज़रा  आराम  भी  पाने नहीं   देती

मैं उनपे जान भी वारूँ मगर फुर्सत से ये मुझको
मोहब्बत बन  के  उनके शहर  में छाने नहीं देती

सितम ये देख उल्फत में ज़हर खाने की ठानी तो
जिधर वो हैं उधर दुनिया मुझे  जाने नहीं  देती
तबियत को ज़रा  आराम  भी  पाने नहीं   देती

मैं उनपे जान भी वारूँ मगर फुर्सत से ये मुझको
मोहब्बत बन  के  उनके शहर  में छाने नहीं देती

सितम ये देख उल्फत में ज़हर खाने की ठानी तो
वो आके ख़्वाब में  बोली  जहर  खाने नहीं  देती 

जुदा करके मुझे बिमार उससे कर दिया  लेकिन 
उसी का  बन  के  साया  साथ मडराने नहीं देती

न जाने ग़म कहाँ  से लाके  मुझपे थोप जाती है 
खुशी जो आने  वाली   है कमाल आने नहीं देती #yqdidi #bhaijaan#yourquotediary
जिधर वो हैं उधर दुनिया मुझे  जाने नहीं  देती
तबियत को ज़रा  आराम  भी  पाने नहीं   देती

मैं उनपे जान भी वारूँ मगर फुर्सत से ये मुझको
मोहब्बत बन  के  उनके शहर  में छाने नहीं देती

सितम ये देख उल्फत में ज़हर खाने की ठानी तो

yqdidi bhaijaanyourquotediary जिधर वो हैं उधर दुनिया मुझे जाने नहीं देती तबियत को ज़रा आराम भी पाने नहीं देती मैं उनपे जान भी वारूँ मगर फुर्सत से ये मुझको मोहब्बत बन के उनके शहर में छाने नहीं देती सितम ये देख उल्फत में ज़हर खाने की ठानी तो