क्या हिदायतें है जनाब इस समाज की भी रिश्तों में बंधकर चलो तो हौसला देने चले आते है, और ग़र रिश्तों से हटकर चलो तो कम्बख्त सबसे पहले लाछन यहीं लगाते है..। ◆ वन्दना शर्मा ◆ #thinkingaboutlife #oursociety